Jagannath Puri Mandir के आश्चर्यजनक रहस्य , जो आज तक अनसुलझे हैं ?
दोस्तों आज के इस पोस्ट में Jagannath Puri mandir के वो रहस्य के बारे में बताएंगे जो तमाम कोशिशों के बाद वैज्ञानिक भी नही सुलझा पाए । आखिर वो कोनसे रहस्य हैं जो वैज्ञानिक भी नही सुलझा पाए तो आइए इस पोस्ट के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं। इससे पहले हम आपको थोड़ी जानकारी देते हैं – जगन्नाथ मंदिर ओडिशा राज्य के पूरी शहर में स्थित हैं और इसकी ऊँचाई 214 फुट हैं।
एक पौराणिक कथा के मुताबिक जगन्नाथ पुरी मंदिर में जब भगवान जगन्नाथ की मूर्ति स्थापित हुई तो दर्शन की अभिलाषा समुद्र को भी हुई । प्रभु दर्शन के लिए समुद्र ने कई बार मंदिर में प्रवेश किया जब समुद्र मंदिर में प्रवेश करते हैं तो मंदिर को बहुत क्षति होती है यही कारण है कि पूरी का समुद्र हमेशा शांत रहता है।
श्री जगन्नाथ पूरी मंदिर के ऊपर से कोई भी पक्षी या विमान नहीं उड़ पाता है। इस मंदिर की कई अद्भुत बातों में यह भी हैं कि सामान्य तौर पर समुद्र की ओर से हवा धरती की ओर आती है लेकिन पूरी में ठीक इसका उल्टा होता है। श्री जगन्नाथ जी का एक चमत्कार यह भी है कि इस मंदिर का मुख्य गुबंद की छाया दिन के किसी भी समय नहीं दिखता है।
Jagannath puri mandir के शिखर पर लगा हुआ झंडा हमेशा बहने वाली हवा की विपरीत दिशा में लहराता है। इसके अलावा इस मंदिर के शिखर पर लगा हुआ झंडा हर दिन बदला जाता है बल्कि किसी और मंदिर का झंडा प्रतिदिन नहीं बदला जाता है। हर दिन जगन्नाथ पुरी मंदिर का पुजारी मंदिर के शिखर पर चढ़कर मंदिर के ध्वज को बदलता है मान्यता है कि अगर किसी दिन मंदिर के शिखर का ध्वज नहीं बदला गया तो मंदिर 18 साल के लिए बंद हो जाएगा।
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भगवान कृष्ण का यह मंदिर वैसे तो समुद्र के नजदीक बसा हुआ है लेकिन इसमें रहस्य की बात यह है कि मंदिर के अंदर जाने के बाद आपको समुद्र की लहरों की आवाज बिल्कुल भी सुनाई नहीं देती है जबकि जैसे ही आप मंदिर से बाहर निकलते हैं तो आपको समुद्र की लहरें बड़ी आसानी से सुनाई देने लगती हैं।
इस मंदिर में कभी भी भक्तों के लिए प्रसाद की कमी नहीं होती भले ही श्रद्धालुओं की कितनी भी संख्या क्यों ना हो मंदिर के भंडार गृह में साल भर के प्रसाद के लिए सामग्री हमेशा उपलब्ध रहती हैं। मान्यता के अनुसार भगवान जगन्नाथ की कृपा से यहां कभी भी प्रसाद की कमी नहीं होती है। यहां प्रसाद किस रसोई में तैयार किया जाता है वह भी अपने आप में एक रहस्य हैं।
इस मंदिर की छाया भी अपने आप में रहस्य हैं इतना ऊंचा मंदिर होने के बावजूद इस मंदिर की छाया नीचे नहीं पहुंचती हैं।
जगन्नाथ मंदिर का निर्माण – Jagannath puri mandir का निर्माण राजा इन्द्रदमयून ने करवाया था। राजा इन्द्रदमयून मालवा का राजा था इनके पिता का नाम भारत और माता का सुमति था। राजा इन्द्रदमयून को जगन्नाथ के दर्शन सपने में हुए थे। कई ग्रंथों में राजा इंद्रदमयून और उनके यज्ञ के बारे विस्तार से लिखा है। उन्होंने यहां कई विशाल यज्ञ किए और एक सरोवर भी बनाया था।
जगन्नाथ मंदिर में किसकी मूर्ति है – यह वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है जो भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है।
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